पुलिस गिरफ्तारी पर आपके अधिकार

your rights when you get arrested by police
your rights when you get arrested by police

आज कल यह काफी देखने को मिलता है कि लोग पुलिस से बहुत डरते हैं और पुलिस भी नियमो का पालन किए बिना किसी को भी कभी भी गिरफ्तार कर लेती है और उसको काफी लंबे समय तक हिरासत में रखती है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको आपके क़ानूनी अधिकारों का पता नहीं होता है | आज हम आपके कुछ ऐसे क़ानूनी अधिकारों के बारे में जानेगे जो अगर आपको पता होंगे तो आप पुलिस से बिल्कुल नहीं डरेंगे और पुलिस आपका गलत उपयोग नहीं कर सकती है | 


1. गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार 

जब पुलिस आपको अरेस्ट करने के लिए आती है तो सबसे पहले CrPC 50(1) के तहत आपको गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार है |  आजकल ऐसे कई जगह देखने को मिलता है कि पुलिस बिना कोई कारण बताएं किसी को भी गिरफ्तार कर लेती है | लेकिन अगर आपको जानकारी  है तो आप उनसे पता करिए की आपको गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है | 


2. महिला की गिरफ्तारी के अधिकार 

CrPC 46(1) के तहत महिला को सिर्फ महिला पुलिस ही गिरफ्तार करेगी | CrPC 46(4) के तहत किसी भी महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज निकलने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जाएगा | मतलब कि सूरज निकलने के बाद और सूरज डूबने से पहले पहले तक ही किसी महिला को गिरफ्तार किया जा सकता है | अगर इस बीच पुलिस को किसी महिला को गिरफ्तार करना है तो उसके लिए स्पेशल आदेश लेना होगा | 


3. गिरफ्तारी वारंट देखने का अधिकार 

जैसे कि आप जानते होंगे ऑफेंस दो तरह के होते हैं | एक कॉग्निजेबल ऑफेंस और एक नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस | नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस मतलब जो छोटे-छोटे क्राइम होते हैं जैसे कि किसी के साथ धोखाधड़ी करना ऐसे मामलों में पुलिस बिना किसी वारंट के किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है | अगर नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस के मामलों में पुलिस आपको गिरफ्तार करने के लिए आती है तो आपके पास वारंट देखने का अधिकार है | जबकि कॉग्निजेबल ऑफेंस यानी बड़े अपराध के मामलों में पुलिस किसी को भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है | 


4. Arrest Memo बनवाने का अधिकार  

पुलिस जब आपको अरेस्ट करती है तो आपके पास अधिकार होता है की आप Memorandum of Arrest बनवाए | यह एक मेमो होता है जिसमें पुलिस को लिखना होता है कि उसने आपको किस जगह से गिरफ्तार किया है और जिस ऑफिसर ने अरेस्ट किया है उसकी रैंक क्या है और किस लिए गिरफ्तार किया गया है | साथ ही इस पर किसी फैमिली मेंबर के या मोहल्ले के किसी आदमी के उस पर साइन करवाने होते हैं | साथ ही जिसको गिरफ्तार किया गया है उसके भी मेमो पर सिग्नेचर कराए जाते हैं | आज कल यह भी कई जगह देखने को मिलता है कि अरेस्ट मेमो बनवाया ही नहीं जाता है | लेकिन अगर आपको नॉलेज है तो आप पुलिस से बोलिए कि वह अरेस्ट मेमो तैयार करें और उसमें आप पूरी डिटेल्स लिखिए | 


5. परिवार को सुचना देने का अधिकार 

CrPC 50A के तहत पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिवार या रिस्तेदार को गिरफ्तारी की सूचना देनी होगी | पुलिस ने अगर आपको कहीं बाहर से अरेस्ट किया है या आपके घर से अरेस्ट किया है और वहां पर कोई फैमिली या रिलेटिव्स नहीं था तो बाद में पुलिस को आपकी फैमिली को या आपके रिलेटिव्स को इस गिरफ्तारी की सूचना देनी होगी कि आपको गिरफ्तार किया गया है और आप इस थाने में है और इसलिए आपको गिरफ्तार किया गया है | 


6. स्वास्थ्य व सुरक्षा का अधिकार

CrPC 55A के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की हेल्थ और सुरक्षा का ध्यान रखना पुलिस की जिम्मेदारी है | पुलिस जब आपको गिरफ्तार कर लेती है तो यह आपका अधिकार बन जाता है कि पुलिस आपकी हेल्थ और आपकी सुरक्षा का ध्यान रखें | CrPC Section  54 के तहत पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की रिक्वेस्ट पर उसका मेडिकल टेस्ट करवाना होगा| जैसे ही आपकी गिरफ्तारी होती है तो आपको डिमांड करनी चाहिए पुलिस से कि आपका एक मेडिकल कराया जाए | आप कुछ भी बता सकते हैं कि मुझे यह प्रॉब्लम है यह बीमारी है तो पुलिस की यह ड्यूटी बन जाएगी कि वह आपका मेडिकल करवाएगी | इसके बाद जब आपको कोर्ट में ले जाया जाता है तो उससे पहले भी आपका मेडिकल टेस्ट करवाया जाता है | और इसका फायदा यह होता है की पुलिस आपके साथ मारपीट नहीं करेगी | 


7. वकील से मिलने का अधिकार 

advocate
advocate

CrPC 41b के तहत गिरफ्तार हुए व्यक्ति को पूछताछ के दौरान अपने वकील से मिलने का पूरा अधिकार है | पुलिस जब आपको गिरफ्तार कर लेती है तो उसके बाद पूछताछ करती है तो इंटेरोगेशन के दौरान आपको यह अधिकार है कि आप पुलिस से कहें कि मुझे अपने वकील से मिलना है और वकील से मिलने से पहले तक मैं आपके किसी सवाल का जवाब नहीं दूंगा | इसके बाद पुलिस की ड्यूटी बन जाती है कि वह एडवोकेट को इन्फॉर्म करें या फिर आपकी फैमिली को इन्फॉर्म करें कि गिरफ्तार हुए व्यक्ति के वकील को लाया जाए | 


8. मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने का अधिकार 

CrPC 57 के तहत गिरफ्तार किए गए आदमी को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं लिया जाएगा | अगर 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखना है तो CrPC 167  के तहत मजिस्ट्रेट से आदेश लेनी होगी | कई मामलों में ऐसा होता है कि पुलिस की पूछताछ 24 घंटे में पूरी नहीं हो पाती है तो ऐसे में पुलिस अगर किसी भी व्यक्ति को हिलसत में 24 घंटे से ज्यादा रखना चाहती है तो इसके लिए मजिस्ट्रेट से Section 167 के तहत एक परमिशन लेनी होगी और परमिशन लेने के बाद ही 24 घंटे से ज्यादा उसको हिरासत में रखा जा सकता है | कई लोग ऐसे होते हैं जो बोलते हैं कि पुलिस ने हमें दो दिन तक तीन दिन तक चार दिन तक हिरासत में रखा है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन लोगों के पास जानकारी नहीं है | उन्हें अपने अधिकारों का पता  नहीं होता  है | अगर आपको आपके अधिकार पता है तो आप जान सकते हैं कि पुलिस आपको 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकती है | 


तो यह कुछ अधिकार है जिनके बारे में आपको पता होना ही चाहिए | यहां पर मैंने अधिकारों के साथ-साथ ही आपके Section भी बताया है | अगर आपको इनके बारे में पता होगा तो पुलिस आपके साथ गलत काम नहीं कर पाएगी | आप गिरफ्तारी से पहले वारंट देख सकते हैं | आप मेमो बनवा सकते हैं | आप अपना मेडिकल चेकअप करा सकते हैं | गिरफ्तार होने के बाद पूछताछ के दौरान आप अपने एडवोकेट से मिल सकते हैं और साथ ही पुलिस आपको 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकती है | अगर हिरासत में रखेगी तो उसे मजिस्ट्रेट से आदेश लेना होगा| अगर कभी ऐसा होता है कि पुलिस आपके किसी अधिकार का उलंघन करती है जैसे कि अगर पुलिस आपको 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखती है यह फिर आपका मेडिकल चेकअप नहीं करती है तब आपके परिवार को पुलिस अधीक्षक के पास या फिर मजिस्ट्रेट के पास शिकायत करनी चाहिए | तो यह अधिकार काफी महत्वपूर्ण है और आपको इनके बारे में पता होना ही चाहिए |

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