republic day history in hindi |
गणतत्रता दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है | और क्यों हम स्वाधीनता दिवस की जगह गणतंत्रता दिवस मनाने लगे | आखिर हमारे सविधान को पूरा बनने के बाद भी 2 महीने बाद क्यों लागू किया गया था | और स्वतंत्रता दिवस, संविधान दिवस और गणतत्रता दिवस में क्या अंतर होता है | चलिए जानते है
स्वतंत्र दिवस, संविधान दिवस और गणतंत्र दिवस क्या होता है
15 अगस्त 1947 को हम अंग्रेजों से आजाद हो गए थे और इसी दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है | लेकिन हम अंग्रेजों से तो आजाद हो गए थे | लेकिन हमारे ऊपर किसी का शासन ही नहीं था और हमारे ऊपर कौन शासन करेगी यह डिसाइड नहीं था | तो अंग्रेजो ने कहा की हम लोग आपको फाइनली छोड़कर तभी जाएंगे जब आप संविधान बना लेंगे | तो हम लोगो ने 1946 से 1949 के बीच में संविधान को बनाया | जो फाइनली बनकर तैयार हुआ 26 नवंबर 1949 को | और इसी दिन को हम सविधान दिवस के रूप में मनाते है | लेकिन इस सविधान को 26 नवंबर 1949 को लागू ना करके इसे 2 महीने बाद 26 जनवरी 1950 लागू किया गया था | और जिस दिन संविधान लागू हुआ उसी दिन हम Republic Day यानि गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है | Republic का मतलब होता है की हमारे जो राष्ट्पति व् प्रधानमंत्री जो है वह ख़ानदानीं ना होकर लोगो द्वारा चुने जायेंगे |
26 जनवरी का महत्व
तो इसकी कहानी छुपी है 1929 में | कांग्रेस आजादी से पहले एक वार्षिक मीटिंग करती थी उसे अधिवेशन कहा जाता था | और इसी तरह दिसंबर 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हो रहा था | इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे | इसमें इन्होंने कहा कि अब हमको अंग्रेजों के सामने झुकाने की जरूरत नहीं है | अब हमें पूरी तरह आजादी चाहिए | और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग कर दि थी | और उन्होंने कहा कि आने वाले साल 1930 के पहले महीने के आखरी रविवार को हम लोग अपना तिरंगा झंडा लहरा देंगे | अंग्रेज आजादी दे चाहे ना दे तो | और उस दिन से हम स्वाधीन हो जायेंगे स्वाधीन यानि हम हमारे ही अधीन है किसी के गुलाम नहीं है | हालांकि उस दिन तक हमें आजादी नहीं मिली थी | और साल 1930 के पहले महीने का आखरी रविवार 26 जनवरी को था | उसी दिन तिरंगा झंडा फहरा दिया गया और इस दिन को हर वर्ष स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा | और इसे लगातार हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता रहा | यहां तक की जब देश आजाद हो गया उसके बाद तक 26 जनवरी 1949 को भी मनाया गया |
आखिर सविधान को 2 महीने बाद क्यों लागू किया गया था ?
लेकिन इसी साल 26 नवंबर 1949 को सविधान बनकर तैयार हो गया | और सविधान के अनुसार हम हमारे अधीन नहीं है बल्कि सविधान के अधीन है | तो अगर सविधान इस दिन लागू हो जाता तो हमें 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस मनाना छोड़कर 26 नवंबर को मनाना पड़ता | और जिस त्यौहार को कोई पिछले 20 सालों से मना रहा है उसे छोड़ना आसान नहीं होता है | तो इसी को देखते हुए फैसला लिया गया की सविधान को 2 महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को लागू किया जायेगा | और हमारे सविधान को 26 जनवरी 1950 को लागु किया गया | और उसी दिन से जिस दिन को पहले स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था उसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा | ताकि इस दिन का महत्व भी बचा रहे | और इस दिन को हम हर साला गणतंत्र दिवस के रूप में धूम धाम से मनाने लगे |