जेल कैदियों को कैसा खाना मिलता है

jail mai kediyo ko kaisa khana milta hai
jail mai kediyo ko kaisa khana milta hai


जेल में कैदियों को कैसा खाना मिलता है | और उसको बेहतर बनाने के लिए कैदी क्या-क्या करते हैं | यह जानना आपके लिए इसलिए जरूरी है, क्योंकि काफी सारे लोग ऐसे होते हैं कि अगर उनके खाने में थोड़ा भी नमक ज्यादा हो जाए तो वह घर में कोहराम मचा देते हैं या फिर खाने को फेंक देते हैं | तो अगर आपको पता होगा की जेल में लोग ऐसा खाना भी खाते है तो इससे आपको खाने की कदर रहेगी तो चलिए जानते है |


जेल में रोजाना एक टाइम ब्रेकफास्ट और दो टाइम खाना मिलता है | ब्रेकफास्ट की बात करें तो इसमें चाय मिलती है क्योंकि यह सरकारी चाय होती है | इसलिए इसमें दूध ढूंढने से भी आपको नहीं मिलेगा | चाय के साथ में डेली अलग नास्ता दिया जाता है | जिसमे एक दिन उबले हुए चने मिलते हैं |  जो की काफी अच्छे होते हैं | उबले हुए चने सुबह में खाना हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद रहता है | और दूसरे दिन दलिया मिलता है और तीसरे दिन ब्रेड मिलते है | अगर खाने की बात करें तो खाना सुबह 10:00  से 11:00 बजे के बीच में आ जाता है | हर एक कैदी को चार रोटी, कुछ चावल, दाल और कोई एक सब्जी दी जाती है | सब्जी में ज्यादातर वही सब्जी मिलती है जो उस समय बाजार में सस्ती होती है | सब्जी में मसाले बिलकुल कम होते है | दाल में दाल आपको ढूढ़ने से भी नहीं मिलेगी | उसमें काफी ज्यादा पानी होता है | कैदी उसे खाने के लिए उसको थोड़ी देर के लिए रख देते है | जिससे दाल निचे बैठ जाती है | उसके बाद उसके थोड़े पानी को बहार निकाल देते है और फिर उसे खाते  है | 


खाने की मात्रा की बात करे तो यह ठीक ठाक होती है | इसमें एक नॉर्मल आदमी का पेट आसानी से भर जाता है | लेकिन अगर किसी कैदी का पेट इस खाने से नहीं भरता है तो वह अलग से लिखवा सकता है की इतने खाने में मेरा पेट नहीं भरता है तो उसको डबल खाना दे दी जाती है | इसके बाद शाम का खाना मिलता है | जो की शाम को 4 बजे से 5 बजे के बीच में दिया जाता है | शाम के खाने में चावल नहीं होते हैं सिर्फ रोटी होती है और हर कैदी को 6 रोटी और साथ में दाल दी जाती है | शाम के खाने में भी कोई ना कोई सब्जी जरूर होती है | खाना क्योंकि 4 से 5 बजे के बीच में ही बाट दिया जाता है तो कुछ लोग तभी खा लेते हैं | क्योंकि उस टाइम पर खाना गर्म होता है| और कुछ लोग रात के 8 से 9:00 बजे के बीच उस खाने को खाते हैं | जब तक वह काफी ठंडा हो जाता है | जेल के खाने की क्वालिटी काफी कमजोर होती है | उस खाने को देखकर के बाहर के खाने की काफी याद आती है कि बाहर हम अच्छे खासे खाने को कैसे फैक देते थे कैसे नखरे दिखाते थे और कैसे हम अच्छे खासे खाने की रिस्पेक्ट नहीं करते थे | 


इस खाने को थोड़ा बेहतर बनाने के लिए कैदी काफी सारी चीजे करते हैं | जैसे की जब उनसे मिलने वाले आते है तो उनसे सब्जियां मंगवा लेते है जैसे गाजर मूली खीरा और मिर्च प्याज और उनसे सलाद बना लेते हैं | और केंटीन से नमकीन लेकर उसे सब्जी में डाल लेते है | और फिर उससे खाना खाया जाता है तो वह काफी बेहतर हो जाता है | इसके अलावा जेल केंटीन में दूध, दही, नमकीन, बिस्कुट और भी खाने की चीजे मिलती है जिसे कैदी खरीद सकते है |


अगर मैं एक लाइन में कहूं की जेल में कैसा खाना दिया जाता है तो इसका जवाब होगा जैसा खाना डॉक्टर अपने मरीज को देने के लिए कहते हैं बिल्कुल वैसा ही खाना जेल में केदियो को दिया जाता है | इस खाने की खास बात यह होती है की इस खाने को खाने के बाद कैदी ज्यादा बीमार नहीं होते हैं क्योंकि इस खाने में एक तो तेल नहीं होता और फिर मिर्च नहीं होती है तो खाने में जब तेल नहीं होगा मिर्च नहीं होगी तो उसे बीमारियां कम से कम होगी | जेल का यह खाना काफी सारे कैदियों को काफी अच्छे तरीके से लग भी जाता है | इसलिए काफी सारे लोग जो जेल में काफी दुबले पतले आते हैं वह काफी मोटे ताजे होकर जेल से निकलते हैं | 


तो इसलिए कहते है की खाने कभी भी बुराई नहीं करनी चाहिए जो भी मिले जैसा भी मिले आदर के साथ उसको खाना चाहिए और जो खाना बच जाता है उसको कभी भी कूड़े में नहीं फेकना चाहिए बल्कि किसी को दे देना चाहिए या फिर जानवरों को खिला देना चाहिए |  


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