जेल में बंदी से मुलाकात कैसे होती है

how to meet a prisoner in jail
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जेल में बंद किसी अपराधी से कैसे मुलाकात की जाती है | इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है | और क्या जेल में महिला को अकेले में मिलाया जाता है | यह काफी महत्वपूर्ण जानकारी है क्योंकि कई सारे लोग जेल में बंद अपने जानने वाले से इस लिए मुलाकात नहीं कर पाते है | क्युकी उन्हें मुलाकात की  प्रक्रिया का पता नहीं होता है | तो इसे पड़ने के बाद आप अच्छी तरह से समझ जाएंगे की जेल में किसी भी बंदी से मुलाकात करने का क्या प्रोसीजर होता है तो जानते हैं | 


जेल में आप किसी भी बंदी से मुलाकात कर सकते हैं | वह आपका रिस्तेदार, आपका यार दोस्त या कोई भी हो सकता है | आपको जेल में बंद बंदी से मुलाकात करने के लिए सिर्फ दो चीज पता होनी चाहिए | एक उसका और उसके पिता का पूरा नाम और दूसरे वह किस जेल में बंद है | जेल में जिस बंदी से आप मुलाकात करने के लिए जा रहे हैं आप उसके लिए कुछ सामान भी ले करके जा सकते हैं | जैसे फ्रूट्स, सब्जियां, नमकीन, बिस्कुट और खाने की जितनी भी पैक चीजे होती है वह अलाउड होती है | पैक चीजों से मेरा मतलब है की जो चीजे कंपनी से ही पैक होकर आती है | बाकी जो चीज खुली बिकती है जैसे की मिठाइयां है यह चीजे जेल में अलाव नहीं होती है | इसी तरह से जेल में कोई भी लोहे की चीज अलाव नहीं होती है तो अगर आप बंदी के लिए कोई बर्तन लेकर के जा रहे हैं जैसे की चम्मच, गिलास प्लेट तो यह सब प्लास्टिक के होने चाहिए | इसी तरह से किसी भी तरह का नशा जेल में अलाव नहीं है | बंदी के लिए आप जो भी सामान लेकर के जाना चाहते हैं यह सारा सामान जेल के बाहर भी मिल जाता है लेकिन जेल के बाहर जो सामान मिलता है वह अच्छी क्वालिटी का नहीं होता है | इसलिए अगर आप किसी से मिलने जा रहे हैं तो आप अपने यहां से ही अच्छी क्वालिटी का सामान खरीद करके ले  जाइए | 



जेल में किसी भी बंदी से मुलाकात करने के लिए आपको अपॉइंटमेंट लेनी होगी | यह अपॉइंटमेंट आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरीके से ले सकते हैं | अगर आप यह अप्वाइंटमेंट ऑनलाइन लेना चाहते हैं तो आप जेल की वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं जहां पर आपको बंदी का और उसके पिता का नाम अपना और अपना पूरा नाम और समय select करना होता है|



how to meet prisoners online
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ऑफलाइन अपॉइंटमेंट आप जेल से ले सकते हैं | जेल में मुलाकात के लिए 10 से 15 रूपए की एक पर्ची काटी जाती है |  इसके अलावा कोई भी और पैसा आपसे कहीं भी नहीं लिया जाता है | अगर आप किसी से मुलाकात करने के लिए जा रहे हैं तो मैं आपको रिकमेंड करूंगा कि आप हमेशा ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर के ही जाइए |  क्योंकि ऑनलाइन में आपको वहां जाकर ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा | आप कोई भी एक टाइमिंग चूज करेंगे और सिर्फ 15 मिनट पहले आप वहां पहुंच जाएंगे तो आपकी मुलाकात कर दी जाएगी | जबकि ऑफलाइन के लिए आपको मुलाकात से कम से कम 2 घंटे पहले वहां पहुंचना होता है | और वहां लाइन में लगकर आपको पर्ची कटवानी होती है | 



जेल में अलग अलग शिफ्टों में मुलाकात कराई जाती है जो सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम के 3:00 बजे तक चलती है यह समय मौसम के अनुसार बदला दिया जाता है | एक शिफ्ट का टाइम 20 मिनट से लेकर 1 घंटे तक का होता है मतलब कि आप जिस बंदी से मिलने के लिए गए हैं आप उसे 20 मिनट से लेकर 1 घंटे तक के लिए मुलाकात कर सकते हैं | अपॉइंटमेंट लेने के बाद अगर आपके पास जो समान है तो उस सारे सामान को एक झोले में डालकर उस पर आपको बंदी का पूरा नाम और उसके पिता का नाम लिख करके उसको जमा करना होता है | यह सारा सामान बंदी को मुलाकात के बाद दे दिया जाता है | 



जैसे ही आप जेल में मुलाकात के लिए पर्ची कटवाते हैं तो वैसे ही उन सारी पर्चियां को जेल के अंदर भेज दिया जाता है और बंदियां को पहले ही पता चल जाता है कि उसे मुलाकात के लिए कौन आया है | इसके बाद मुलाकात के शिफ्ट शुरू हो जाती है | एक बड़ा सा हाल होता है जिसमें जालियां लगी हुई होती है एक तरफ जेल के अंदर से बंधिया को इस हाल तक लाया जाता है और दूसरी तरफ उनसे मुलाकात करने वाले लोग होते हैं | जो बंदी है वह एक दूसरे को देखकर के पहचान लेते हैं और वहीं पर मुलाकात करते हैं | इस हाल में आप बंदी से जो चाहे वह बात कर सकते हैं | क्योंकि यहां पर कोई भी रिकॉर्डिंग डिवाइस लगी हुई नहीं होती है |



जेल में जो अंडर ट्रायल बंदी होते हैं यानी ऐसे बंदी होते हैं जिनको अभी सजा नहीं हुई है तो उनसे आप हफ्ते में तीन बार मुलाकात कर सकते हैं | जबकि जो ऐसे लोग होते हैं जिनको सजा हो चुकी है तो उनसे आप एक हफ्ते में सिर्फ दो बार ही मुलाकात कर सकते हैं | जबकि ऐसे बंदी जिनके ऊपर काफी सेंसिटिव मुकदमा होता है जैसे कि देशद्रोह का तो ऐसे बंदियों से हफ्ते में सिर्फ एक बार ही मुलाकात की जा सकती है | जेल में जब किसी भी बंदी की कोई मुलाकात आती है तो उसे बहुत खुशी होती है क्योंकि मुलाकात से उसे बाहर क्या चल रहा है इसके बारे में पता चलता है |



इसके अलावा जेल में कुछ खास त्यौहारों पर जैसे की होली, दीपावली और ईद पर खुली मुलाकात भी कराई जाती है खुली मुलाकात में सिर्फ महिलाए  ही अलाव होती है | मतलब की जेल में जो बंदी है उससे मिलने के लिए कोई महिला ही जा सकती है | वह महिला उसकी कोई रिश्तेदार दोस्त यह गर्लफ्रेंड भी हो सकती है | खुली मुलाकात पर जो मुलाकात कराई जाती है यह जेल में बने हुए मुलाकात कक्ष में नहीं कराई जाती है | बल्कि जेल में बने हुए बड़े-बड़े पार्कों में कराई जाती है | महिला बंदी के साथ पार्क में बैठकर बाते कर सकती है साथ ही अगर अपने साथ कुछ खाने का सामान लायी है तो साथ में खा सकते है | 


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